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Hindi poem, Hindi kavita ,हिंदी कविता ................सागर

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता   सागर   सागर ऐसा फैला है ,जहा देखु लहरो का शोर है इसकी  अलग है रवानी , देखो कितनी दुर कि कहानी  प्यासा हू इसके पास ,ऐसा हि खडा रहा मै खिलखिलाते  ओर आते जाते बूलबूलो का खेल सागर यैसा फैला है जा हा देखू लहरों का शोर  है तूफान ये  उठाता  है  प्यार  भी देता है  इस को ऐसी ही देखता रहू उम्र  भर  दुनिया को भूलकर दूर कही नाव हिचकोले खाती बस आस है उसे किनारी की कोई बैटा है किनारे  कुछ अपने गम को सागर में समा ने होता हूँ  परेशानी जब मै  बाते दिल से उस से करता हूँ  देखता हूँ अपनी ख़ुशी को इस के साथ गुजारने के सपने  दो दिल प्यार के राह चलते चलते   सोच भी नही सखते कीतनी राह चले वो सागर यैसा फैला है ,जहा देखु लहरो का शोर है                                             by Sanjay Teli    visit  my youtube channel for Shayari video   channel name is      👉  Shayari by Sanjay T