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सितंबर 9, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi poem, Hindi kavita ,हिंदी कविता ..........और कीतना दर्द ....

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता और कीतना दर्द .... और कीतना दर्द मिलगा मुझे इश्का के जुदाई में क्यों तुम बार बार मेरे ख़यालो में आते हो तुम्हें भूलाने कोशीश जाने कितने दिनों से हो रही है पर रात बड़ी  बेदर्द  होती  है  कहा चैन सोने देती है  और सुबह तेरे खबर आती है हवा के खुशबू में सुकन फीर दिन भर नही मिलता, दिल चल उठता है तूजे ढूढ़ने वो अपनी मिलन की गलियों में पर तेरे नीशान  अब वहां पर नही है गलिया अब इमरते बनगई है जो मेरा प्यार भी उसे छु ना सखे   थमा थमा सा है मेरे ज़िन्दगी का सफर  जब से तूने किनारा कररिया  है यैसी बातें तुम करती थी ज़ुबा पर बस मेरा नाम सज़ा रहता था और कितना दर्द मीलेगा मुझे....... वफा की कमी हम से ना होती  बस तू होती तो तेरी मेरी कहानी पूरी होती  वो सदियों यद् करते दुनियावाले  पर अब तेरे बगर अकेले का ये सफ़र है  वो भी दर्द भरा...... ....                             by Sanjay Teli                                                                                       visit  my youtube channel for Shayari video   channel name is      👉