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मार्च 11, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता.............पानी

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कवित पानी में पानी कि  बहती  धार  हूँ   हर बंधन से आज़ाद हूँ ना मुझे  किसी सरहद  का डर है ना किसी इंसान का भय  मुठी में ना कोई मुझे पकड़े ना कोई जिंजीरो में ना कोई  जकड़े पाया  बेहना है मुझे हर जगह पर थहर ना किसी के कहने से में अपनी मन की रानी हु जहाँ मुझे चाहिऐ रहना है जब चाहे मुझे बहना है सैलाब भी में हु, खामोश सागर भी में हू  तेरे नल  से  टपकता बुंध भी में हु दुःख के आशु भी में  खुशी मोहल में भी अमृत जिसे कहते है वो में हू   जिस बूँद बूँद के लिये तरसते दुनिया वो पानी हूँ में                                  by Sanjay Teli love hindi shayari then just click on 👇 https://shayaridilke.blogspot.com