Ishq unlimited ....................Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,Hindi kavitayen
Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,Hindi kavitayen इश्क अनलिमिटे ( Ishq unlimited) इश्क की बात चली तो आ तुमे बताते है ये वो आग है जिस में हर कोई जलना चाहता है इस बला को हर कोई झेलना चाहता है एक दिन बात न करे इश्कवाले एक दूसरे से बरसो से साथ छूटा ऐसा लगता है यहाँ पर दोहरे किरदार नहीं निभायें जाते जैसे है वैसे एक दूसरे से मिलते है तुम वजह ना पूछना एक दूसरे की हररोज़ मिलने की ये जैसे हररोज़ सूरज निकलता है ये वैसी ही बात है इश्क की बात चली तो आ तुमे बताते है कितने भी दूर हो सुनाई देती हे एक दूसरे की पुकार जब दिल देता दिल से सदा ना कीजिये कोशीश इश्क को बंधनो में सिमट ने की ये उड़ ता परिंदा जैसा है ,इश्क का जहाँ ,घोसला बना प्यार का वहा इस इश्क की बाते तो unlimited है यारो kavita by Sanjay T Do visit my YouTube channel for Shayari video 👇 Shayari by Sanjay T