aur kitana batorega Kavita || poetry

और कितनी लालच तेरी बढ़ेगी.. Kavita || poetry और कितनी लालच तेरी बढ़ेगी क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा जीस हालात से तू जो गुज़रा है इसी तरह से बढ़ चुका है इसी तरह से बढ़ चुका है क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा जितना तेरे पास था उस में तू खुश था जितना तेरे पास था उस में तू खुश था तू भूल चुका है वो कठिन दिन पर आज तेरे पास हद से ज़्यादा है आज तेरे पास हद से ज़्यादा है किस तरह से ये आया है बस ये राज़ तेरे दिल में चुपा है बस ये राज़ तेरे दिल में चुपा है क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा पसीने की एक बूंद गिरे बगैर तूने ये कमाया है पसीने की एक बूंद गिरे बगैर तूने ये कमाया है ये जो घमंड तेरे सर पर नाच रहा है ये जो घमंड तेरे सर पर नाच रहा है तुझे एक दिन लेकर डूबेगा तुझे एक दिन लेकर डूबेगा क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा तेरी खुशी गम में बदल जाएगी तुझ से किसी ने उम्मीद तो बांधी होगी तुझ से किसी ने उम्मीद तो बांधी होगी वो तूने पूरी नहीं की होगी तो किसी के सपने तेरे कारण टूटे होंगे आज तुझे...