Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता......तू मेरी थी
Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता तू मेरी थी शान-वो-शौकत की महफिल मेरे यार कि सजी है हम वो नजारा दूर से देख रहे है, हमे ऊसकी खूशी मे सामिल हो ने कि ईजाजत नाही है हमे बेवफाका खिताब ऊसकि आँखों ने दिया है पर हम जानते है की उन की आँखों का घोखा है तेरे दुनिया से रुख़सत होके जा रहे है ,फिर हम नज़र आये ना आये तुमे बड़ा ईरादा था कि तुम्हारे साथ सारी उम्र गुजरेंगे पर ये तमन्ना दिल में हि रह गई जाने कितने ख़्वाब थे ,जो आँख से आंसू बनाकर बहगये रात दिन जो तसवीर दिल में लव बनकर जलती थी वो कबकी बुजगायी अब ना कदम ऊनकी गलियो की तरफ बडेगे जो हूआ वो क्या जान गवाने से कम नही ! शान-वो-शौकत की महफिल मेरे यार कि सजी है हम वो नजारा दर्द भरी आँखो देखते है. .. by Sanjay Teli ove hindi shayari then just click on 👇 https://shayaridilke.blogspot.com ...