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जनवरी 15, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता...........नशा

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता  नशा                                                                                  नशे के बाजार मे देखो कैसे बिकती है  ज़िंदगी   दम तोड रही है, जवा दिलो  कि दिल्लगी  मज़ाक  मज़ाक  मै कहने वाले आज आदत से मजबूर होगये है पल पल साँस    के लिये  मोहताज़  होगये है  हम किस गम को भूल ने कि कोशिश  कर रह है ,जो हम पर गुज़रा  नही ऐसे कितने अफ़साने है  जो दर्द को   हार कर आगे  बड़े है  ज़िंदगी  खूशनूमार है ऊसे,जिंदादिली से जी  लो तूम ईतने कमजोर नही हो ,ये दुनिया को दिखा दो खुबसूरत  है  ज़िंदगी   ईतना  तुम जानलो कितना  भी हो बड़ा  तूफान  एक दिन गुजर जाना है आओ  इस काटो  भरी ज़ंजीर को  तोड़े , हम खुलके जिये                    नशे  के  बाजार  में  अब ना  बिकेगी  जिंदगी .... .                                                                                  by Sanjay Teli                                                      

Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता.....मकडजाल

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता     मकडजाल  मकडजाल हे दुनिया सारी , हसते  हसते  फसती जाती ये  है  तेरा  वो है मेरा , ऐसी ही बाते बनती ओर बिगड़ती  बुरा हैै क्या है भला क्या  किसको   समज़  न  आया बस सूलझे सवालो को उलझते रहै , याहा वहा भटकते रहे   तूमे क्या नही दिखती संधर्ष की रवानी , तेरे ओठ़ पर है माया की जूबानी और तू कितना दूर जायेगा , कब तक तू दौड पायेगा   , मकडजाल है दुनिया सारी ...... अपनी मनमानी करता जायेगा , दुसरो के आसुओ पर हसता  रहेगा , झूठेे लोगो का है बोल बाला , सचाई का है ये खेेल सारा तो जीत तो ज़रूर होगी कोई तो होगा जो सच्ची  राह दिखायेगा ऐसा एक दिन आयेगा जब नया असमा सजेगा                एक दिन टूटेगा  ये मकडजाल और होगा नया सवेरा .. by Sanjay Teli