अब हाले दिल मत पूछ... Hindi poetry.. kavita..poem

अब हाले दिल मत पूछ... Hindi poetry.. kavita..poem दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया गए वो पल बिना तेरे साथ के कैसे गुज़रे क्या बताए खुशी सजी रहती थी हर पल अब हाले दिल मत पूछ दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया गुमसुम सी ज़िंदगी बन गयी है दिल को अब समझाना मुमकिन नहीं तू जो मेरी नहीं दुनिया तब से बेगानी क्यू तू नाराज़ हुई जो मुझे छोड़कर गई अब तक तेरे इंतज़ार में है खो गए हम तेरे तलाश में दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया देखो तब से हाल मेरा बेहाल हुआ तेरे एहसास से ही मुझे खुशी मिलती थी तेरे निगाहों में खो कर सुकून मिलता था ज़ुल्फो में तेरे खो जावु और कुछ ना चाहू मुझे तू मिले बस यही चाहत थी ज़िंदगी मेरी तेरी ही अमानत थी दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया बसेरा मेरा तेरी बाहों में तू मेरे राहो में हमसफर बन कर चलु बस तेरे बारे में सोचु आसान ये ...