Hindi poem, Hindi kavita ,हिंदी कविता इश्क जैसा ....................इश्क जैसा तेरा चेहरा खिला है आज देखो तुम से कीतना प्यार मेला है .........read more...........
Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता इश्क जैसा...... इश्क जैसा तेरा चेहरा खिला है आज देखो तुम से कीतना प्यार मेला है प्यार में आज दिल पहली बार प्यासा हुआ है ये कैसी सी तडप है कैसी अगन..... दर्द है इसमें किसका एहसास है तेरे मेरे बीच में दूरी आये अब ये ना होगी सहन पल पल के फासले भी ना होगी अब जुदाई ना अब जुदाई इश्क जैसा तेरा चेहरा खिला है।....... तेरे यादो में बस दुबा रहेगा ,रात दिन मांगते बस प्यार तेरा मुझ को मिलता है कररा बस तेरी निगाहो में आरज़ू भी अब बस रहती है तुम्हारी ये चाहत भरी शाम , दिल को खो जाना है इश्क जैसा तेरा चेहरा खिला है ........ अब दिल में तुम रहोगे उम्र भर के लिये वादा रहा मेरे यार बस साँसो की कमी ना रहे इश्क जैसा तेरा चेहरा खिला है ..... ...