Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता..........ऐतबार
Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता ऐ तबार वादे तूने हजार किये पर निभाने के लिए तुम लाचार क्यों हु ये प्यार हमरा परवान चढ़ रहा था पर तुम क्यों बेज़ार हो गए दिल का खेल ऐसा चला हरते गया हम वफा मेरी नाकाम हुगई त...