तेरा प्यार मेरा नसीब.... Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,Hindi kavitayen

Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,H indi kavitayen तेरा प्यार मेरा नसीब मुझे समजाया हर किसीने नहीं मिलेगा प्यार तुझे ये किस्मत की बात है तेरे नसीब में नहीं है अभी प्यार मेरा बरसता रहा, जब उस के कदम मेरे गलियों में पड़े , हो जाता है दिल बे सबर जब उसकी बात चलती है मुझे समजाया हर किसीने नहीं मिलेगा प्यार तुझे........ अब सफ़र भी तू और हमसफ़र भी रात दिन जो नज़र में रहती है वो तस्वीर भी तू और बात तेरी क्या कहूँ बस होता है ऐहसास वो ख़याल भी तू मुझे और कुछ ना चाहिये वो पूरा अरमान भी तू मुझे समजाया हर किसीने नहीं मिलेगा प्यार तुझे....... क्यू तुझे ना पुकारू मेरी आवाज़ तू शोर में जो मिलता है वो सुकून तू राज़ और कुछ ना रहा मेरे दिल में , खुलकर बात जो मै करता हूँ वो दोस्त तू और तुझे क्या कहुँ इश्क को समझ ने की वजह तू मुझे समजाया हर किसीने नहीं मिलेगा प्यार तुझे ये किस्मत की बात है तेरे नसीब में...