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तुझ से इश्क हो जाए…poetry || Shayari

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 तुझ से इश्क हो जाए…poetry || Shayari  तुझ से इश्क हो जाए… मेरा मन करता है तुझे देखकर तुझ से इश्क हो जाए  मेरा मन करता है तुझे देखकर तुझ से इश्क हो जाए  दिल की ये लगी उम्र भर लग जाए तेरी दिल की बात मुझे समझ आयी  जब से तुझ से मिलना हुआ तब से मेरा हाल मत पूछो पल नहीं गुज़रता तुझे याद किए बिना  क्या इसे समझे पागलपन या इश्क की खुमारी दिल की ये लगी उम्र भर लग जाए तू जब वोझल हो जाती है मुझ से मिलने के बात तब आंख भर आती है  जब तक तू ना दिखे सुकून नहीं मिलता दिल की ये लगी उम्र भर लग जाए ये रिश्ता अब ना छूटे तू कभी ना रुटे  हो कर जाते हो मेरी बाहों से जूदा नाराज़ होती है वो शाम  दिल की ये लगी उम्र भर लग जाए किस और जाएगा ये इश्क का कारवा क्या पता पर तू ही मेरा हमसफर ये दिले तमन्ना  अब बस साथ होगा मेरा तेरे लिए ये वादा  दिल की ये लगी उम्र भर लग जाए अब जुदाई का मतलब  बस तन्हा तन्हा ज़िंदगी. Poem by Sanjay T