Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता...हाथ का कमला
Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता हाथ का कमला हाथ है तेरे बड़े काम के इस में बसती है तेरी शान ताकत से हो भरी हो ,हर बार आगे हो सुबह होती है ब्रश करने से सुरवात होती भगवान आगे जुड़ते हुये ,या नमाज़ के लिए पढ़न के लिए कम के लिए जाने वक्त ट्रेन या बस पकड़ने के लिए ऑफिस में काम के जुडे ,कम जल्दी हो इलसलिये एक दूसरे से जुड़े चाय की बीच मे चुस्की लेने के लिए, दोपहर का खाने के लिये हाथ बड़े चलो शाम हुई ,ज़रासा रंग भरा जाम का थिरकने लगा कदम, उठाने लगे हाथ महबूबा से मिलना है हाथ मीलाकर, प्यार का इज़हार करना है फिर से हाथ बड़ चले बस ट्रेन पकड़ने के लिए घर पौछना है होगया हाथ का काम पूरा। by Sanjay Teli visit my youtube channel for Shayari video channel name is 👉 Shayari by Sanjay T