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तन्हाई जैसे हर पल घिरी रहती है ..poem.. poetry.. kavita..

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  तन्हाई जैसे हर पल घिरी रहती है .. poem.. poetry.. kavita.. आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  अभी भी हम दिल का सौदा कर के आए है उस की बची हुई यादें और कुछ चीजे देकर आए है इश्क का कितना अच्छा सफर था  हम दोनों का वो सब से खुबसूरत साथ था धड़कते दिल का हसी गीत था खुशियों का तू पैगाम था आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  अब तो हारा हुआ नज़र आता है  पर तुझ से जुड़ा रिश्ता उम्र भर का है  ये दूरी बड़ी दर्दनाक सी है  ये कहानी आसू से भीगी है  मेरी चाहत वफ़ा से भरी थी बस मोहब्बत की चाह थी इस दीवाने को आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  तेरी आंखों में डूबने की आस थी थम गया ये कारवा बस अब उदासी का समा तेरा बनकर बस तेरे साथ रहने का इरादा था सब भूल कर तेरा ही बनना चाहता था इस दुनिया में बस तुझ पर भरोसा था देखो तो हालात बदले बदले से लगते हैं  आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  मौसम बहार पत...