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Hindi poem, Hindi kavita ,हिंदी कविता ........... दूर का राही........read more...

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता   दूर का राही  दूर का राही हूँ बस चलते रहना है   थक गये  तो कुछ वक्त रुखना  है  मिल जायेगे अंजाने चेहरे होगी मुश्किल ये डगर  फिर भी  रूकना नहीं है। .......  बहकाते है ये मस्त नज़ारे रोक ते ये मौसम की अदाये  मन चंचल  तड़पता है , फिर  भी चलना है   दूर का राही हूँ बस चलते रहना है  ......  गम  को भूल कर सदा बाहर  रहना  है,  बस चलते चलते मंज़िल को पाना है  चाय की महक  ज़ी ललचाये ,  भूख लगी तो पेट हसकर  इशारे देती है  मंज़िल का चस्का है दिल में खुशी है  खुले आसमान में बाइक का सफ़र भी सुहाना है  दोस्तो  के साथ साथ मज़ा आया  यादो भरा ये कारवा क्या मस्त रहा                                                               by Sanjay Teli  visit  my youtube channel for Shayari video   channel name is      👉  Shayari by Sanjay T