संदेश

दिसंबर 6, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अन चाहे रिश्ते जुड़ने लगे..... poetry shayari in Hindi

चित्र
अन चाहे रिश्ते जुड़ने लगे.....  poetry shayari in Hindi   अन चाहे रिश्ते जुड़ने लगे  हम क्यू उस में उलझने लगे  दिल पर ज़ोर नही रहता  चला जाता है उन राहो पर  कभी ये हमने सोचा नही था  ये हालात उभर कर आयेंगे समझ नहीं आता हम क्या करे  चले जा रहे है उस दिशा की और  जिस का मतलब अन कहा है  जो नही अपना उसे माने खुशी से क्यू की अब वो कहानी जरा सी अच्छी लगने लगी जिस में टूटा बिखरा सा समा है कभी सोचते है चलो सब कुछ भूल कर चले जाए उस अन सोची खूबसूरती की और  पर है नही ये रास्ता इतना सुहाना  सवाल कही सारे होंगे  जवाबो में बेवफा का दर्द होगा कुछ छोड़ना पड़ेगा कुछ भूलना पड़ेगा  दिल बेकाबू होने लगा  जरा सा परेशान होने लगा  मेरी जाने की जिद्द सही या गलत  ये सोच अभी भी बरकरार है  अगर पीछे मुड़कर देखु तो वफा से भरी ज़िंदगी नजर आती है. Poem by Sanjay T