Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता............सुना आसमा
Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता सुना आसमा आज आसमांं सुना सुना है , चाँद भी गुम है मंद्ररा रहे है काले बादल , छा रहा है घोर अँधेरा रोशन थे जो सितारे, वो भी मुरजाये हूये है रास्ते का मूसाफिर अपनी राह कही भटक ना जाये अपनी मंजिल को कही भूल ना पाये ओर कितना दर्द हम सहेगे ,पर अपने लक्ष्य से हम ना हटेगे हमे चलते हि जाना है जब तक जिस्म में जान है आयेंंगे राहो मे लाखो रोडे ,फिर भी ना हमे रुकेंगे आगे चलना है फिर नजर जाती है आसमां की और,एक उमीद नज़र आती है मन मे हमने ठान ली है ,हमे नहीं है रूकना आगे और बढ़ेंगे हूआ रोशन सारा आसमांं देखो जुगनू कैसे बने उजाले के दिये स...