Hindi poem, Hindi kavita ,हिंदी कविता ...................काटे
दोस्त कठिन है दूनिया कि राह पर चलना पथ पथ पर होगें
घौर अंधेरा, हर पल होगा दौलत का बसेरा ,फिर भी मिलेगा तूमे आधा अधूरा!
जीवन की खूबसूरत तसवीर आयेगी तूम को धूंघली नजर
ये धोका है या हकिगत ,सोचते हि गूजर जायेगी ऊम्र सारी
ठगी का यैसा जाल है ईसे बूधंने वाला है अपना प्यार
किस पर तूम को है भरोसा ,सब पर छाया है माया का नशा
कब तक ये काहानी चलेगी ,कभी तो होगी पूरी
जूठे बादल एक दिन चले जायेगे प्यार की बरसात से डर जायेगे
दोस्त कठिन है दूनिया की रह पर चलना यैसा लगता है ,
फिर क्यूँ ..... ? poembySanjayT
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