Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता....निगाहें ढूँढ लेती हैं
Hindi poem,Hindi kavita, हिंदी कविता निगाहें ढूँढ लेती हैं क्यु मेरी निगाहें बार बार तूझको ढूंढ़ती है क्या मुझ से तू दूर जानेवाली है कँही दूर मै जावु तो मुझे तेरी यादो का सहारा है बिछड़ने का तो में सोचता नहीं हूँ साथ साथ रहने का मेरा वादा है लगता नही है हम नहीं हो सकते दूर दूर साँसो की है डोर तू और मै और तुझे बतादू बस तेरा एहसास होता महसूस तू अगर ना भी हो पास और कही ना मूड जाये मेरा रास्ता बस चुना है मैने प्यार का हमसफ़र पर लगता है क्यु मेरी निगाहें बार बार ढूंढ़ती है तूझ को हैरान हूँ मै देखकर मेरा दीवानापन तेरे लिये बस लगती है प्यास मुझे तेरी चाहत की बाते तेरी लुभावनी होती है बस होश में रहना मुश्किल होता है तेरा होना भी या ना होना दिल को तड़पाता ...