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जनवरी 25, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,Hindi Shayari,हिंदी शायरी.................. तुझ को याद करके !

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  Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,Hindi Shayari,हिंदी शायरी  तुझ को याद करके !   मैं  ना भुला तुझ को याद ना रहा अपना वादा  था वो उजाले का समा अँधेरे मे क्यू बना वो जहाँ  बन  गया था बोहत कुछ अपने बीच मे  जब से इश्क़ की मंज़िल ही तय कीई थी  पर बदल क्यू गयी अपनी प्यार की राह   तूने क्यू  नहीं  सोचा मेरा  प्यार तेरे लिये ही बना है  जमाने से  तू डर गया क्या  आज तेरा मेरा इश्क और परवान चढ़ता   काश  थोड़ा सा सब्र होता तो , प्यार मेरा बिखर था चारो और  निशानदी तेरी संभालकर रखी  है यही  सोचकर  कही दूर ना हो पल पल के  लिए तू कभी  गुज़रा वक्त वो  हसीन था तेरी मेरे प्यार की रवानगी  थी  छूने से तेरे  गम का दर्द कम होता था  बाहो में जो तू समाता था, खुशिया संबलना मुश्किल होती थी  सोचता हूँ  जब भी तेरे बारे में  याद तेरी ऐसे  चूब रही है सीने में  दूर जाना तेरा बनगया बोझ मेरे जीने में  है अभी आस पर बोहत है दूर की बात  मैं  ना भुला तुझ को याद ना रहा अपना वादा  आँखो को कैसे समजावू,  तुम ना बह जावो कहीं  बार बार तुझ को पुकारता रहा  तुम ना और  दूर जावो   तकदीर मे मेरे यही  लिखा  था, या  इस में दोनों का कसूर