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Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता ...सब आज गम सी है ........read more

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता सब आज गम सी  है ......  सब आज गम सी  है , उनकी जो कमी खलल  रही है  इंतज़ार का  रास्ता बड़ा रहा ,ये नादान दिल ये तो तुझे पता है  कोई साथ  देर तक नहीं देता  , ये देखकर  बड़ा मलाल रहा बरसो    ना समझी मेरी या बेबसी  सी हुई तुझ से दूर रहकर   दर्द बड़ा झेला  मैने रहा तड़पता दिन भर तेरी दूरी को महसूस करके  कुछ नहीं बचा मेरे पास सिवाय धन दौलत के  नहीं रहा ठिकाना तेरे इश्क का ,तो इस साजो सामान का क्या मतलब  सब आज गम सी  है ,  उनकी जो कमी खलल  रही है  ......  फिर  भी  आया हूँ  मै नये लिबास मै तुझे मिलने इस आस से मिले तेरा प्यार मुझे    साँसो को कैसे समजाये इसे ना हम रोक सकते   पर तेरे ना होने का एहसास है साथी  ऐ कैसा रहा सफ़र जो तेरी साथ की थी कमी........  पर जाने क्यू सब  आज गम सी  है , उनकी जो कमी खलल रही है              ...