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अप्रैल 5, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता...........बढ़ते कदम......

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Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता            बढ़ते कदम....... कदम बढ़ने लगे कामियाबी के और थे अधुरे सपने हुये पूरे , दौड़ यैसी लगी चली मंज़िल की और थके ना ये रुकें ना ये, हो कितनी राह कठीन बढ़ते रहना है हो डगर कितनी भी दूर सोच ना बदले मन ना बहके ,हम या तुम इस मे ना उलझें हैरान हूं में कितना सँभलना भी मुस्किल है आँखो में आशु है ,पर उसे बहते देखना है उजले की किरण देखी है हमेने उसे सूरज की तरह चमकना है डर कीस बात का होगा मुझे कटे चुंबना तो आम बात है फिर भी कदम बढेगें...... st                                 By Sanjay Teli visit  my youtube channel for Shayari video   channel name is      👉  Shayari by Sanjay T