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तमन्ना मेरी फिर से आबाद होगयी

आज फिर से तूम से मिलने की चाहत होगयी

तूम से जब जब दूर रहा ,बैचनी का आलम तब से सहा, 

जिंदगी की राहो पर चलना मुशकील होगया

जब से तेरा दीदार दुश्वार  होगया

येये-दिले-नादान इतना नही आसान उस हुस्न हसीना को पाना

जैसे आसान नही है चाँद को ज़मी पर लान

दौलत ओर शौरत की चलती है रवानी, प्यार की तब दब जाती है काहानी

होगे तेरे पास अमीरो के सितारे ,पर वो भी गूम हौ जाते दिन के ऊजाले मे

चलो आज हो जाये हम एक दूसरे के ,बन जायगी प्यार मिसाल प्यार की जो मरता नही आसानी से

तमन्ना मेरी फिर से आबाद होगये......poembysanjayt

                                                        
 
 



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