Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता ........मकर संक्रांति
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
मकर संक्रांति
सबके लबों पर मीठे बोल है
मकर संक्रांति है, मकर संक्रांति है
द्वेष ,ईर्ष्या ,नफ़रत मन से मीठ जाये
प्यार ,सन्मान सबको भर भर मिल जाये
मकर संक्रांति है मकर संक्रांति है
कुदरत का अजीब खेल है
आज से दिन बड़े रात छोटी है
मकर संक्रांति है,मकर संक्रांति है
आसमान में पतंगों की आतिशबाजी है
किसी की दोर कटी है किसी को ऊची उड़ान मिली है
मकर संक्रांति है मकर संक्रांति है......by Sanjay Teli
सबको मकर संक्रांति की हार्दिक शुभेच्छा
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