Hindi poems,Hindi Kavita,हिंदी कविता .....चेहरा तेरा
फूलों जैसा तेरा चेहरा खिला ,
दिल कि बागो में फैली है खुशुबू तेरी
तपती धुप मै हैं ठंड़क मिली,
यही तो है तेरी जादूगरी
क्या चुपा है तेरी बातो में ,
होश खो जाते है जब जब तुम से मिलते है
रात का समां कैसा छाया ,क्या तूने अपनी जुल्फे बिखराई
आँखो में क्या है तेरे ,दिल के अरमान क्यू बहके बहके
बाते तेरी अच्छी होती है बस सुनते रहना , सुनते रहना
इतनी है चाहत मेरी निराली ,बस तुम से जुड़ी है मेरी ज़िंदगानी
इतना प्यार है तुम से
,पूरा सागर भी कम पढ़जाएगा उसमे समाने में
करले इतना हम पे एककीन होगा ना प्यार कम कभी
फूलो जैसा तेरा चेहरा खिला खिला-----------------
by Sanjay Teli
टिप्पणियाँ