Hindi poem, Hindi kavita ,हिंदी कविता .........तडप
Hindi poem, Hindi kavita ,हिंदी कविता 
तडप
ये मत पूछो कैसा मेरा दिल टूटा
हम धोके मे रहे दिल को बस बहलाते रहे
जिसका साथ हमनें पाया था वो बेरुखी का जमाना था
तूम से हम दूर होगये, जाने कितने गम को हमने पाले
सारा जहाँ कि मोहब्बत तूम पे लूठाई थी
प्यार कि वो सबसे हँसी घडी थी
कितने मेरे सपने थे , कितने मेरे अरमान थे
तू ही मेरी दुनिया , तूही मेरा जहाँ था
बस यही है तमन्ना, बस यही सपना है
की आजये तू एक दिन मेरे बाहों मे st
                                                      by Sanjay Teli   
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