Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता.....मेरे वीर सिपाही को नमन
पर आज़ ज़नाज़ा मेरे वीर सीपाई भाई का
उठाना कुच्छ ज़्यादा ही भारी लगा
ज़िंदगी से तुमे शिकायत होगी आखरी ख्याईश तक ना पूछी
अगर कुच्छ पल और जीते तो दो चार दुश्मनो को धूल में मिलते
आँखो में है आशु पर दिल मे है धहकते शोले है
दुश्मन को सबक सिखाना है
ऐसा वार करेगे हा हा कर मचाएंगे
फिर से नया दिन रोशन होगा
पंछी फिर चेहकेंगे बाहरे फिर भी आएगी
ऐसान तेरा ना भूलेगा ये देश कभी
अस्थि तेरी चाऐ ब्याह चले पानी मे"
पर तस्वीर तेरी हमेंशा दिल मे सज़ेगी
नमन तुज़े वीर सीपाई तेरी शहदत ना जयेगी खाली"....by Sanjay Teli
"जय हिंद, जय भारत"
(मेरे वीर सिपाही भाई को मेरा नमन)
love hindi shayari
then just click on 👉 https://shayaridilke.blogspot.com
टिप्पणियाँ