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होली


रंगो की शान, होली है उसकी जान

 मोसम बदल गया है गरमी की ऐहसास लाया

क्या भूल गये तुम होली है होली है

सुख के भी रंग हो ,दुखा भी गुलाल उड़े

भीगेग हर ज़रिया,रंगों में होगा जहाँ 

तुम भी आना, वो चुपा है उसे भी लाना

गुस्सा को भूल जावो सबको गले लगावो

ज़रासी मस्ती हो पर संभलकर वो काम हो

ये अचानक मन रुलाया, उस वीर सीपाई को नमन मेरा

गोरी का आँचल भी भेंगेगा , किसी को  प्यार भी मिलेगा 

भांग भी पियेंगे ठुमके भी लगे गीत भी गुणगुणयेगे 

कूच पल के लिये सही गम तो भूलजयँगे 

रंगो की शान, होली है उसकी जान


                                               by sanjay Teli





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