Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता....चुनाव
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
चुनाव
चुनाव का मौसम है,
प्यार की बातों वाले फल पकने वाल हे
रैलियों की बादल छाएंगे वादों की बरसात होगी
घर में आएंगे मेहमान बंदकर वोट चुरा के लेजाएंगे
दिखाता जो चेहरा पाच साल पहले
अब याद नही है क्या है वो आपना सा
जाने कीसकी जेबसे उठेगे जशेन के फवारे
ये इस पार्टी से वो उस पार्टी से ऐसा होगा आन जाना
अपना कम हो जाये बस यही है सोच
अपना कम हो जाये बस यही है सोच
बस मील जाये वोट हमें ,यही तो है अपना मकसद
ऐसी सोच रखनेवाले से सभांल ज़रा
एक दूसरे पर उठाएंगे सवाल
ज़ीन का नही कोई जवाब
बात दूर तक जयेगी ऐसा हंमे लगता है
पर रात को एक दूसरे के बारे में बात करगें
जन मन का त्योहार है ,अपना हक आज़माना है
बातों में कीसी के उलझना नही हैं
जो सही लगे वो ही करना है
चुनाव का मौसम है........
by Sanjay Teli
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