Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता..............दिल मे चुपा दर्द
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
दिल मे चुपा दर्द
दर्द कहा है दिल मे जो चुपा है
प्यार कहा है सारे जहाँ में
सर्द हवा यैसी बह रही है जाने तू कहा चुपी है
बिछड़ रही है तेरी यादे दिन बड़ी दिन
ये ना सोचा था इसकी ना आस थी
तू मेरी थी और में तेरा था
बाते तेरी हलपल रहती है यादो में
होती तू मेरी रात दिन बाहों में
ये पल तेरे लिये सम्बल कर रखे थे
तेरी आने का इनतज़ार
देखा जो तुझे इन निगाहो
सुकून दिल को मिला, और तेरा प्यार भी.
by Sanjay Teli
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