Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता.....भूली हुई याद
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
भूली हुई याद
माना की भूली हुई याद हु ,पर तेरे यादों का करवा हु
अब मुझे से तुझ को चाहत की आस नही
पर तु तो मेरा पहला प्यार हो
ईसी याद के साहारे हम कूच हँसी पल गुज़रते है
लब पर तेरा बार बार नाम नही आता
पर मन में तो तुम ही तुम हो
दूर बहोत दूर हुँ तुझ सर,पर तेरा साथ तो अटूट है
मेरे अरमानो की उड़ान थमी सी है
खुशीयो में भी वो महक नही है
तेरे साथ नही है पर तेरे पास होने जा एहसास है
खुश है तो मुझे से दूर होकर तो न मिले तूजे से फीर नज़र
बस है दुवा रब से हो मुस्कान तेरे सदा लब पर
में तो हु अब भटक हुआ पँछी
मन की भूली हुई याद सही
by Sanjay.Teli
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