Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता ..तेरी बाते
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
तेरी बाते
ना इरादा ना सपने जाने क्यों तुम से दिल लगाया
बस में नही रहता दिल मेरा तू ही हो पास पास मेरे
आस तुम से लगाई मन मे तेरे तस्वीर ऐसे सजाई उलझन है मन
प्यार है ये या मेरा दिल का बहलाना
तुझ पर यैसी नज़र ठहर जाती है की
नीशब्द हो जाता हूं कुछ लहमा ऐसे होते है
कभी नही मन भुलाता धड़कते दिल को
सुकून के पल में बदल जाते है तेरे खुली ज़ुल्फो में
कुछ पल के लिये हम खो जाते है
ठहरावों हो मेरे ज़न्दगी में तेरे साथ साथ रहना चाहते है
पल जो तेरे साथ गुज़ारे हमने ना उसे कभी भूलपायेगें
ना इरादा ना सपने बस दिल तुम से लगाय,,,,
by sanjay Teli
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