Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता........आसमान सुना
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
आसमान मेरा सुना रहगया
आज़ सितारे जाने कहा खोगए
उडने का इरादा था मेरा पर
आज़ मेरे पंख मेरे किसीने काट लिये
जान किसके आखो में हम चुभने लगे
मुझ को हर बार तड़पना पडा
बोहत नेक तमन्ना थी मेरी
बस प्यार हि किनारा था मेरा
राहो में किसने कटे बिखरे
हम चल पड़े बीना सोचे समझे
था मेरा ईतन ऐतबार ना देखा ना समजा
बस करलिया उस पर जान मेरी निसार
और क्या वो हसन रात आएगी ज़िंदगी क्या फीर से
ज़िलमीलाएगी ,आसमान मेरा सुना रहगया.....
और कितनी दूरी होंगी हमने ना सोचा था बस कर लिया
तुम पे हमने एतेबार , हा हा ये है मेरा प्यार
ना था कभी ये दिल ईतन बेचैन जाने किस का था इन्तंजार
मन सुना बार बार कहता आसमान मेरा सुना रहगय
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