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प्यार के रंग
उम्र भर हम यही सोच कर जीये
की आज उन से मुलाकात होगी,
पर बात तब समझ आये हम तो उनके शर्तो को पडना भूल गये
जब उन्होंने पहली बार खत लिखा था
जब दौलत का जहाँ हद से बढ़ेगा तेरे पास,
तब मेरा प्यार तेरे लिये और बढ़ेगा
इसका मतलब है
" माना की दौलत ही सबकुछ नहीं होती
पर बात तब समझ आये हम तो उनके शर्तो को पडना भूल गये
जब उन्होंने पहली बार खत लिखा था
जब दौलत का जहाँ हद से बढ़ेगा तेरे पास,
तब मेरा प्यार तेरे लिये और बढ़ेगा
इसका मतलब है
" माना की दौलत ही सबकुछ नहीं होती
पर इसके बिना भी लोगो की दुनिया आधी अधूरी है
अब हम गुज़ारते है ज़िंदगी उसके बिना
पर हमने नही बदला अपना उसूल " प्यार है सब से बढ़कर"
निशानी तेरी सहज कर रखी है
ज़माने को दिखाने के लिऐ नहीं
पर मन को मेरे तेरे होने का एहसास रहे
सुकून के तलाश में कदम बढ़ते रहते
तब ज़रूरत साथी की होती है
पर तुझ को पुकारू तो जुदाई की यादो से आँख गम रोती है
उम्र भर हम यही सोच कर जीये
कुछ ना मिला तो जो पल गुज़ारे तेरे संग उन यादो से जियेंगे
..... poem by Sanjay T
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