मैं और तुम .......Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,Hindi kavitayen


Hindi poem,Hindi kavita,हिंदी कविता,Hindi kavitayen




 मैं और तुम 


अभी शाम गुज़ाकर आया  हूँ  तेरे संग

फिर क्यू बाते होती रही देर रात तक  मोबाइल पर 

जब साथ तेरे होता हूँ मै और तुम का मसला नहीं 

तब एक होकर बाते करते है 

जब दर किनारा किया था  दुनिया ने  मुझे  

तूने जब से कहा  में और तुम  चलेंगे साथ साथ  ज़िंदगी के सफ़र में

 तब से जीने की नई उम्मीद जागी 

वक़्त  को भी  मोड़ दूँगा अगर

ऐसा पल आये  जो तेरा साथ छोड़ने को मजबूर  करे 

 सोच मेरी अब बस  तेरे तक है और  पानी की तरह  साफ़ है

होंगे   मेरे अच्छे करम जो नवाज़ा मुझे कायनात  ने  तुझे 

भीड़ में जब  चलता हूँ तब बस मै और तुम होने का एहसास  होता है

तू कर ले  मुझ पर भरोसा ये एक आशिक की  दरखास्त  है 

देखो   होगा तुझे यकीन हुये आज से हमेशा की लिये  

 "मैं और तुम"  नहीं नहीं "हम "

                                         by Sanjay T


 Do visit  my YouTube channel for Shayari video  
👇



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नंद किशोर (Poetry on lord Krishna "Nanda Kishor "

मोहब्बत मेरी ... poetry/ kavita /shayari

Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता..........प्यार का मतलब