Hindi poem, Hindi kavita , हिंदी कविता   मोहब्बतें   ताज                                                        नवाज़ती हु  तुजे    शहनशाये   मोहब्बतें    इतनी तूने  इनायत दी  है    आईना है तू मेरे  जिंदगी का   इसलिए तू जे देख़ती रहती हुँ     जब जब तूजसे बाते होते है,   सुद्ध बुद्ध खो जाती है हमारी,  यैसी तेरी बातो का आलम होता है    सारा संसार मेरे साथ होता है,  जब तू हि तू ,हर जगह  होता है   एक दिन तेरे मेरी बस्ति होगी ,  उस मे तेरी मेरी अस्थि होगी   याद करेगा जब ये  ज़माना ,        शहनशाये मोहब्बतें  तूमारा नाम होग. .... by Sanjay Teli                                                                     ...
 
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