Shayari ye safar .....shayari /poetry
Shayari ye safar .....shayari /poetry
शायरी ये सफर.... शायरी/कविता
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आज कल तू याद बोहत आते हो
लगता है इश्क अपना रंग दिखाने लगा
दुरिया जो तुझ से मिली
जैसे लगता है बेगुनाह को सज़ा मिली.
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दिल को यू ही बहलाते है ये ज़िंदगी
परेशानी के समंदर में पूरी तरह डूबी है
जाने क्या पाने की जिद्द थी
बस इसी सोच में हम उलझते गए
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आज कल तू याद बोहत आते हो
लगता है इश्क अपना रंग दिखाने लगा
दुरिया जो तुझ से मिली
जैसे लगता है बेगुनाह को सज़ा मिली.
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दिल की बात हर बार मानते थे
पर जब से उस बेवफा से रिश्ता टूटा है
तब से वफा भरोसा मेरे लिए बस नाम के.
Poem by Sanjay T
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"shayari by Sanjay T
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