Shayari || Poetry || Kavita in Hindi रंग इश्क का…
Shayari || Poetry || Kavita
in Hindi
रंग इश्क का…
अब वो मुस्कान नहीं सजेगी
इस दीवाने आशिक के लबो पर
अब वो मुस्कान नहीं सजेगी
बड़ी देर कर दी आते आते वो साथी
ये सवाल पूछ रहा हे दिल
अब हर्ष देखो तुम कहा हम कहा
बस अपनी गलती ही मान कर चले
पर कहानी तो अन देखी थी
जो सुनी थी वो तो असल में कुछ और थी
अब वो मुस्कान नहीं सजेगी
इस दीवाने आशिक के लबो पर
रिश्तो की शुरुवात बिना शर्तों के हुई थी
पर इश्क के खूबसूरत सफर में
ये अनबन क्यू
अब वो मुस्कान नहीं सजेगी
इस दीवाने आशिक के लबो पर
तड़पता दिल देखता हु तेरी याद में
दोष किसे दु सोच कर परेशान हु
जब किई थी मोहब्बत तब होश कहा था
अब वो मुस्कान नहीं सजेगी
इस दीवाने आशिक के लबो पर
देखी मैने जब हसीन तस्वीर
रंगों का बेजोड़ साथ था
वफा का खयाल था
और क्या होगी तमन्ना इस दिले नादान की
अब वो मुस्कान नहीं सजेगी
इस दीवाने आशिक के लबो पर
अब तन्हा होगी शाम मेरी
अब नम होंगी आंखे भी
मै नहीं जानता अंजामें ज़िंदगी कैसी होगी
दुआ मेरे लिए ज़रूर करो
शायद दिखू कभी कभी उस की गली में.
अब वो मुस्कान नहीं सजेगी
इस दीवाने आशिक के लबो पर
Poem by Sanjay T
For more Musical video Please Continue here ⬇️
https://youtube.com/@ShayariyeAndaz
टिप्पणियाँ