Shayari || poetry || kavita in Hindi Shayari
Shayari || poetry || kavita in Hindi
Shayari
ज़िंदगी के हज़ारों रंग है
कोई सूत से मुस्कुराता हुआ
जीवन गुज़ारता है
तो कोई कर्ज़ तले आसू बहाता है.
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आईना भी तेरी खुबसूरती पर जलता है
जब भी तू खुद को सवारने लगती हो
वो टूट जाता है.
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भले तू खुद को चुपाकर रखो
तेरे हुस्न की आच महसूस होती है
तुझे देखे बिना कहा दिन निकलता है
तू ही तो हो जिसे मेरा गुज़ारा होता है.
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जब रात अंधेरी होती है
पर तेरे साथ से उजाला हो जाता है
चांद कहा चुप सकता है बादलों में
जब तू निकलती है राहो से.
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बस याद मुझे तू आती है
ये कैसा जादू है तेरी निगाहों में
जब से डूबा था तब से ये कमाल हुआ है
और ये सफर ऐसा ही चलता रहेगा ये उम्मीद है.
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हाथों में तेरे हाथ आने से हर दर्द मिट जाता है
परेशान सी ज़िंदगी मे तुझ से जुड़ कर
सुकून मिल जाता है.
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