ज़ुबा पर मेरे तेरा ही नाम है ... poetry/ kavita
ज़ुबा पर मेरे तेरा ही नाम है ... poetry/ kavita
ये रौनक ये बहार समा फूलों के खुशबू का
मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है
मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है
तुम लाख छुपाते होंगे दिल की बात
मुझ से कहने के लिए
पर मैं जान जाता हूं तेरे मन के जज़्बात
ये जो तेरी आंखे है दिल से जुड़ी है
बया करती है सारी इश्क की कहानी
ये रौनक ये बहार समा फूलों के खुशबू का
मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है
कोई तुझे छोड़कर कैसे जाये इतनी है तू खूबसूरत
तेरी ही बाहों में मर जाए इतना है तुझ में सुकून
तुझ से ही जुड़े रहेंगे सारा प्यार तुझ पर ही लुटाएंगे
कितना हु में खुश कैसे तुझे बतावू
ज़ुबा पर मेरे तेरा ही नाम है
ज़िंदगी मेरी अब तुम बन गए हो
ये रौनक ये बहार समा फूलों के खुशबू का
मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है
रिश्ता तेरा मेरा अब गहरा हुआ है
साथ तेरा हर पल देगा ये दीवाना
कसम नहीं ये इरादा है मेरा
देख कर तुझे सांसे भरता हु
मेरी हर तमन्ना पूरी होती है
कोई अब मुझे ये ना कहे
जुदाई भी आ सकती है
तन से जुदा हो सकते है
पर मन से ये मुमकिन नहीं
मज़ार पर मेरे तेरी मौजूदगी हो
ऐसा मेरा आखरी सफर हो
ये रौनक ये बहार समा फूलों के खुशबू का
मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है.
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