Shayari || poetry || kavita in Hindi हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

 Shayari || poetry || kavita in Hindi 

हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा


हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

सपनो से परे मेरा जहां हो गया 

हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

सपनो से परे मेरा जहां हो गया 

दिल जरा संभल कर रहो ये तुझे इश्क हो गया

रौनक ये बहार तेरी ज़िंदगी में आ गया

मैं जिस खुशी की तलाश में था वो मुझे मिल गयी 

जिस राह पर मैं चल रहा था

वो मंज़िल मुझे मिल गई

हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

सपनो से परे मेरा जहां हो गया 

ज़िंदगी धोखे से भरी है 

पर तुझे भरोसा करनेवाला मिल गया

आंखों से आसू नहीं झलकेंगे

अब शाम तन्हा नहीं गुज़रेगी 

हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

सपनो से परे मेरा जहां हो गया 

होने लगा एहसास बस तेरा होगा साथ

और कितने भी तूफान आए नहीं छोड़ेंगे तेरा हाथ

लबो पर तेरा नाम सजा रहता है 

क्या करु नजरों में बस तेरा चेहरा बसा रहता है 

हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

सपनो से परे मेरा जहां हो गया 

दूर तुझ से रहना अब मुमकिन नहीं

तू नहीं तो मेरा जीवन कुछ भी नहीं

खुशी जो मिली वो तेरे खातिर 

अब में जी रहा हु बस तेरे लिए 

हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

सपनो से परे मेरा जहां हो गया 

अब वफा से भरी होगी हर बार मेरी ज़िंदगी 

तू ही मेरा प्यार तू ही मेरी सांस

हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

सपनो से परे मेरा जहां हो गया.


Poem by Sanjay T 


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