इश्क का पता तेरी गली....,( ishk ka pata teree galee) kavita|poetry
इश्क का पता तेरी गली....,( ishk ka pata teree galee)
kavita|poetry
इश्क का पता तेरी गली
तू ही मेरी प्यार की कहानी
इश्क का पता तेरी गली
कोई मुझ से पूछे
ज़िंदगी तेरी किस से जुड़ी है
बस इश्क मोहब्बत से
ये होगा जवाब मेरा
इश्क का पता तेरी गली
तू ही मेरी प्यार की कहानी
उस की गली में
बार बार जाना होता है
जब से देखा उसे
हर बार एक नया बहाना होता है
तू ही मेरी प्यार की कहानी
अब मेरे चाहत का रंग
और गहरा हो गया है
अब उम्मीदों का
आसमान मेरा हो गया है
इश्क का पता तेरी गली
तू ही मेरी प्यार की कहानी
उनके नजरों में बसे रहते है
ये कैसी दीवानगी है
सोच बस तेरे बारे में होती है
इश्क का पता तेरी गली
दिल का हाल मत पूछो
उसे ही याद करते रहते है
जब से नजरों का मिलना हुआ है
तब से हाल बेहाल है
इश्क का पता तेरी गली
तू ही मेरी प्यार की कहानी
हम होश खो गए
ये कैसी खुबसूरती है
तुझ से बार बार मिलना
अब आदत सी हो गई है
क्या करे मुझे मोहब्बत हो गई हे
इश्क का पता तेरी गली
दुनिया मुझे रोक नहीं सकती
तुझ से मिलने के लिए
मेरा भी नाम आशिकों में
शुमार हो गया है
इश्क का पता तेरी गली
अब तू ही मंज़िल बन गई है
इस इश्क ये सफर में
तेरे साथ की उम्मीद है
ये सोच नहीं यकीन है
इश्क का पता तेरी गली
तू ही मेरी प्यार की कहानी.
Poem by Sanjay T

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