पर प्यार तो दिल से था.. poetry shayari world

पर प्यार तो दिल से था.. poetry shayari world 



 दिल उसे आज भी याद करता है 

उस से ही इश्क है हद से ज़्यादा

दिल उसे आज भी याद करता है 

पल जैसे ठहरे थे पास तू मेरी थी 

दूरियां तो किसी बात की नहीं थी

फिर भी तू मेरी नहीं बन सकी 

ज़िंदगी अब तेरे बिना गुज़रेगी 

तेरे साथ के बगैर तो बस तन्हाई ही होगी

दिल उसे आज भी याद करता है 

किस तरह से दिल को मनावू 

की तू मेरी नहीं रहेगी उम्र भर के लिए

थोड़ी थी अनबन नोंकझोक भी थी

पर प्यार तो दिल से था

दिल उसे आज भी याद करता है 

उस से ही इश्क है हद से ज़्याद

रिश्तों में कड़वाहट आने की वजह

क्या होगी बस इस बात से परेशान था

उस से मुझ से इतनी नाराज़गी क्यू होने लगी

क्या थी मेरी खता जानना सका 

उस से ही इश्क है हद से ज़्यादा

अब बहुत दूर आ चुके हैं 

उस के दिल से में उतर चुका हूँ 

दिल उसे आज भी याद करता है 

मुलाकाते होती हे कभी कभी

उन निगाहों में अपनापन नज़र ज़रूर आता है

पर फासलों से कुछ धुंधला दीखता है 

और दिल बेबस सा हो जाता हे

दिल उसे आज भी याद करता है 

उस से ही इश्क है हद से ज़्यादा.

Poem by Sanjay T 


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