Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता.........रिश्ता है नया प्यार का
रिश्ता है नया प्यार का, ये सिलसिला चलता रहे बार बार
दूरी यो को नहीं लाना पास पास ,मन मे हो तेरा एहसास
कमी ना हो प्यार में बढ़ता रहे ही चाहे टकरा हो
कीतना है गहरा रिस्तो का ये सफर पूरा हो बीना कोई अनबन
ज़ुल्फो की साये में धूप की क्या मजाल सताये हमे
तेरे चेहरा भटकाए हंमे कभी कभी मेरे इरादों को
कुच तो है नरेला तूझ में जो बार बार मुझे बहकाये
बस तेरी ही ख्याब दिखाऐ ,रिश्ता है नया प्यार का, ....
हवा में खुसबू हो पर प्यार इसके साथ घुलमीले
और ना तड़पये तू मुझे ,बरसते रही वफा की बरसात
ठहरा लम्हा हो पर तु हो उसमे शमील ,हो मन का मिलन
चाहये तुम हो दूर दूर , और होगा रिस्ता हमारा गहरा
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