Poetry in Hindi || Kavita in Hindi || Shayari Hindi || sad shayari इश्क की बहार से ये दीवाना दुर रहेगा

Poetry in Hindi || Kavita in Hindi || Shayari Hindi इश्क की बहार से ये दीवाना दुर रहेगा अब उस बेवफा से ये आशिक बेगाना रहेगा बोहत दिनो के बाद तेरा दीदार हुआ भरे हुए ज़ख़्म फिर से ताज़ा हुए खयाल भर तेरा आता था तो भी दर्द का कारवा फिर से चल जाता है दबाए कैसे जज़्बातो को इश्क सदियों से जो ज़िंदा था इश्क की बहार से ये दीवाना दुर रहेगा अब उस बेवफा से ये आशिक बेगाना रहेगा कैसा ये दीवाना भुलाता तुझे जुड़ा था रिश्ता बड़े अरमानो के बाद टुटा था जब से तब से हाल ये दिल बे...