Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता..........बारिश भरा दिन
बारिश भरा दिन था वो
ढूंढ रहे थे हम थोड़े देर का आसरा
भीगे रास्ते भीगे गलियाँ लोग भगाते इधर उधर
छाता खोलने के लगते दम ,लाया था वो धुप से बचानें के लिये
बीन बुलाया आया था मेहमान
झरने भहने लगे छोटे छोटी हरऔर
बच्चे भीगते भागते ढूंढते रहे रस्ता
पर कट गया नटकट भरा उनका दिन
ख़ुशबू ज़िसकी महक़ के लिये ठहरे थे साल भर
पंछी का घरोंदा रहगया आधा अधूरा
ठहर लगा थोड़ा सा शहर ,चेहर पर कुछ खुशी की लहर
या परेशानी का भी मंज़र , बारिश भरा दिन था वो.........
वक्त बढ़ने लगा तेज़ी से और कैसे होगा घर का सफ़र
मौसम हुआ ठंडा मिटने लगा गर्मी का क़हर
ठहर गया बारिश का खेल था कूच पल का मेल था
बारिश भरा दिन था ............... st
by Sanjay Teli
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