.Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता...........रंगो का खेल
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
रंगो का अज़ब खेल है सबके अलग अलग पसंद है
तुम्हारा कोनसा है ये सब पूछ ते है
तस्वीर में जान लाते है वो रंग है
चहरे को खूबसूरत रंग बनाते है
ज़िंदगी के हज़ारों रंग है दुःख और सुख के संग है
यार का रंग है प्यार भी तो पास पास है
इंद्रधनुष में भी रंग है वो तो अधबुत है
रूठने और मनाने के पल भी तो रंग है प्यार के
जुदाई और मिलन की तस्वीर के रंग भी है कितने प्यारे
पानी का कौनसा रंग है सोचते है लोग जाने कितने भरसो से
नील आकाश है या सफेद उसका असली रंग है
जाने कितने रंग है जीवन के.............st
by Sanjay Teli
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