Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता..........अंदाज -ये- मोहब्त
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
कुच तो बचा होगा, मेरे प्यार के रंग में
यैसी ही नही तुम मुझसे मुस्कराते हो आज भी ज़ुदा हो के "st
"हम नादान है जो ये समझते है की तुम हमे जान से भी बढ़कर मुझसे प्यार करती हो
हमे पता है मेरे कब्र पर फूल चढ़ान कुच दिनों के बाद छोड़ दोगे"st
"अब रूह मेरी भी तुझसे नफरत करने लगी है
ईतनी तू बेवफाई की हदें तूने पर करली "st
"क्यु तुम आँखो में आशु का अंबार लाती हो
by sanjay Teli
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