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अन चाहे रिश्ते जुड़ने लगे..... poetry shayari in Hindi

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अन चाहे रिश्ते जुड़ने लगे.....  poetry shayari in Hindi   अन चाहे रिश्ते जुड़ने लगे  हम क्यू उस में उलझने लगे  दिल पर ज़ोर नही रहता  चला जाता है उन राहो पर  कभी ये हमने सोचा नही था  ये हालात उभर कर आयेंगे समझ नहीं आता हम क्या करे  चले जा रहे है उस दिशा की और  जिस का मतलब अन कहा है  जो नही अपना उसे माने खुशी से क्यू की अब वो कहानी जरा सी अच्छी लगने लगी जिस में टूटा बिखरा सा समा है कभी सोचते है चलो सब कुछ भूल कर चले जाए उस अन सोची खूबसूरती की और  पर है नही ये रास्ता इतना सुहाना  सवाल कही सारे होंगे  जवाबो में बेवफा का दर्द होगा कुछ छोड़ना पड़ेगा कुछ भूलना पड़ेगा  दिल बेकाबू होने लगा  जरा सा परेशान होने लगा  मेरी जाने की जिद्द सही या गलत  ये सोच अभी भी बरकरार है  अगर पीछे मुड़कर देखु तो वफा से भरी ज़िंदगी नजर आती है. Poem by Sanjay T 

Poetry in Hindi || Kavita in Hindi || shayari ....मौसम का फलसबा

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 Poetry in Hindi || Kavita in Hindi || shayari मौसम का फलसबा ठंडी हवाएं मन गुनगुना ता है कहता है चलो ढूंढे नए रास्ते मौसम का अजीब सा फलसबा है  ओस में डुबा सारा ज़माना है ऊन के कपड़े डटकर तैयार है पहनने को लोग बेकरार है आते है दूर से पंछी ये जाबाज़  हमेशा का ठिकाना है लगता उन्हें घर का एहसास  आग की आच पर तप रहे बदन चादर ओढ़े घूम रहे लोग चाय के प्याले के साथ दिन गुज़रता है  पानी की बोतल वैसी ही भरी नज़र आती हैं  ऐसी ही चलती रहेगी ज़िंदगी. Poem by Sanjay T 

इश्क का पता तेरी गली....,( ishk ka pata teree galee) kavita|poetry

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इश्क का पता तेरी गली....,(  ishk ka pata teree galee)  kavita|poetry   इश्क का पता तेरी गली तू ही मेरी प्यार की कहानी  इश्क का पता तेरी गली कोई मुझ से पूछे ज़िंदगी तेरी किस से जुड़ी है  बस इश्क मोहब्बत से ये होगा जवाब मेरा  इश्क का पता तेरी गली तू ही मेरी प्यार की कहानी  उस की गली में  बार बार जाना होता है  जब से देखा उसे हर बार एक नया बहाना होता है तू ही मेरी प्यार की कहानी  अब मेरे चाहत का रंग  और गहरा हो गया है  अब उम्मीदों का  आसमान मेरा हो गया है  इश्क का पता तेरी गली तू ही मेरी प्यार की कहानी  उनके नजरों में बसे रहते है ये कैसी दीवानगी है सोच बस तेरे बारे में होती है  इश्क का पता तेरी गली दिल का हाल मत पूछो  उसे ही याद करते रहते है  जब से नजरों का मिलना हुआ है  तब से हाल बेहाल है  इश्क का पता तेरी गली तू ही मेरी प्यार की कहानी  हम होश खो गए ये कैसी खुबसूरती है  तुझ से बार बार मिलना  अब आदत सी हो गई है  क्या करे मुझे मोहब्बत हो गई हे इश्क का पता तेरी गली दुनि...

ये है प्यार के रास्ते ... poetry|Kavita

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ये है प्यार के रास्ते ... poetry|Kavita   ये है प्यार के रास्ते  मुश्किल बड़ी हे मंज़िल ये है प्यार के रास्ते  मुश्किल बड़ी हे मंज़िल फिर भी आशिक कहा डरते हैं  बस प्यार के नाम पर जीते हैं  फिर भी आशिक कहा डरते हैं  बस प्यार के नाम पर जीते हैं मुझे शिकायत मेरे यार से नहीं है  अब भी मेरे इश्क पर भरोसा है  ये ज़माना ना समझेगा अब भी मेरे इश्क पर भरोसा है ये है प्यार के रास्ते  मुश्किल बड़ी हे मंज़िल चाहत को बस फरेब समझती है ये दुनिया मेरी दिल लगी तो तब से है जब से तू मिला वो मेरे यार कोई पूछे मुझ से  दिल तो मेरा बस तेरे लिए धड़कता है  ये है प्यार के रास्ते  मुश्किल बड़ी हे मंज़िल अंजाम ये इश्क तो यही होगा मेरी मोहब्बत सदा आबाद रहेगी मेरी ये ज़िंदगी तुझ पर वार दी वो सनम  हर मुश्किल आसान हो गयी है तेरे खातिर हर मुश्किल आसान हो गयी है तेरे खातिर ये है प्यार के रास्ते  मुश्किल बड़ी हे मंज़िल इस बेगैरत दुनिया में तू ही अपना सा लगता है  कसमें वादों से परे हो गया रिश्ता हमारा कुछ भी हो अब उम्र भर के लिए मांगा है हाथ तु...

बड़ा दर्द हो रहा है क्या कहे .... poetry/ kavita

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बड़ा दर्द हो रहा है क्या कहे .... poetry/ kavita  बड़ा दर्द हो रहा है क्या कहे  जब से दूरी बड़ी आंखों में बस पानी ही पानी.. बड़ा दर्द हो रहा है क्या कहे  जब से दूरी बड़ी आंखों में बस पानी ही पानी.. जब से दूरी बड़ी आंखों में बस पानी ही पानी.. कही से तेरी खबर मिल जाए  तो मेरे तड़पते दिल को सुकून मिल जाए उम्र भर तेरे साथ रहने का वादा था मेरी नज़र में तू ही मेरा जहां था बड़ा दर्द हो रहा है क्या कहे  जब से दूरी बड़ी आंखों में बस पानी ही पानी.. रूठने की कोई वजह नहीं थी  तेरे सिवाय मेरी और कोई कहानी नहीं थी मुझे तो तू ही हमसफर मिल जाए ये तमन्ना थी मेरी भटकी ज़िंदगी को तेरा ही सहारा मिल जाए ये आस थी बड़ा दर्द हो रहा है क्या कहे  जब से दूरी बड़ी आंखों में बस पानी ही पानी.. रहनुमा लगा तू मुझे मेरी कठिन ज़िंदगी में चिराग लगा मुझे अंधेरे राह पर  हसी मिली तेरे चेहरे को देखकर महकी महकी तेरी खुशबू आती थी जब चलती थी पवन बड़ा दर्द हो रहा है क्या कहे  जब से दूरी बड़ी आंखों में बस पानी ही पानी.. बस खो जाता खुद को और गम भूलकर बस तेरा नाम लबो पर  गीत इश्क का ...

बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं .... poetry

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बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं ... poetry  बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं  आंख भर आयी और नम भी हो गई बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं  बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं  पुराने ज़ख्म फिर से ताजा हो गए भूले हुए दर्द फिर उभर आए  ज़िंदगी में जो पाया था  तुझे खो के सब कुछ लुट गया कई दिनों से राते आंखों में जागकर काटी  बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं  गुज़रे पल फिर से लौटकर आए तुझेभूलनी की कोशिश लगता है  नाकाम हो गई ज़िंदगी गम में डूब गई  नहीं मिला मुझे सुकून जहां जहां भी ढूंढा तन्हा लौटा हु तेरी गली से  कभी रौनक हुआ करती थी  जाने कहा वो गुम हो गई बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं  तेरा इरादा क्यू मुझे समझ नहीं आया प्यार मेरा वफा का समंदर था जहां भी देखू तेरा ही जहा था कितने अच्छे वो पल थे  खामोशी में बाते होती थी तेरी आस थी तेरी ही कहानी थी तू मिल कर मुझ से दूर कहा गई रुट कर जाने कहा चली गई  बड़े मुद्दत के बाद आप से मुलाकात हो गईं  पुकारता रहा तुझे बार बार तू जाने कहा...

कैसी ये ज़िंदगी है जिस की चाहत थी Poetry... shayari

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 कैसी ये ज़िंदगी है जिस की चाहत थी Poetry... shayari  कैसी ये ज़िंदगी है जिस की चाहत थी वो मिली नहीं सपने चूर चूर तुझे देखकर भूली हुई कहानी याद आयी  भरी महफिल में तू मुझे ही ताकते नज़र आयी भरी महफिल में तू मुझे ही ताकते नज़र आयी क्या कहे इसे इश्क का सुरूर  अभी भी वो आग सुलग सुलग कर जल रही है सुलग सुलग कर जल रही है कैसी ये ज़िंदगी है जिस की चाहत थी वो मिली नहीं सपने चूर चूर जाने क्यू उनकी आंखे उदास ही नज़र आती है  जाने क्यू उनकी आंखे उदास ही नज़र आती है  किसी की इंतज़ार में डूबी है  रास्ते देखो कैसे बदल गए पर मंज़िल तो अधूरी थी कितने मौसम बदल गए  फिर भी वादे नहीं बदले फिर भी वादे नहीं बदले कैसी ये ज़िंदगी है जिस की चाहत थी वो मिली नहीं सपने चूर चूर ये लगन मोहब्बत की ये आरज़ू प्यार की  कैसे कहू दीवाना ये तेरा दीवाना हो गया था दूरी तुझ से बड़ी मुश्किल हो गई जिया में किस तरह से पूछो मुझ से जिया में किस तरह से पूछो मुझ से बस खयाल तेरा आता था और हम बेचैन  तेरा दीदार ही मेरा सुकून था कैसी ये ज़िंदगी है जिस की चाहत थी वो मिली नहीं सपने चूर चूर र...

Poetry in Hindi || Kavita in Hindi || Shayari Hindi || sad shayari इश्क की बहार से ये दीवाना दुर रहेगा

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 Poetry in Hindi || Kavita in Hindi || Shayari Hindi                   इश्क की बहार से ये दीवाना दुर रहेगा                                    अब उस बेवफा से ये आशिक बेगाना रहेगा                                        बोहत दिनो के बाद तेरा दीदार हुआ  भरे हुए ज़ख़्म फिर से ताज़ा हुए  खयाल भर तेरा आता था तो भी दर्द का कारवा फिर से चल जाता है  दबाए कैसे जज़्बातो को इश्क सदियों से जो ज़िंदा था                  इश्क की बहार से ये दीवाना दुर रहेगा                             अब उस बेवफा से ये आशिक बेगाना रहेगा   कैसा ये दीवाना भुलाता तुझे जुड़ा था रिश्ता बड़े अरमानो के बाद  टुटा था जब से तब से हाल ये दिल  बे...

अब हाले दिल मत पूछ... Hindi poetry.. kavita..poem

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  अब हाले दिल मत पूछ... Hindi poetry.. kavita..poem  दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया गए वो पल बिना तेरे साथ के कैसे गुज़रे क्या बताए खुशी सजी रहती थी हर पल अब हाले दिल मत पूछ दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया गुमसुम सी ज़िंदगी बन गयी है  दिल को अब समझाना मुमकिन नहीं तू जो मेरी नहीं दुनिया तब से बेगानी क्यू तू नाराज़ हुई जो मुझे छोड़कर गई  अब तक तेरे इंतज़ार  में है  खो गए हम तेरे तलाश में दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया देखो तब से हाल मेरा बेहाल हुआ तेरे एहसास से ही मुझे खुशी मिलती थी तेरे निगाहों में खो कर सुकून मिलता था ज़ुल्फो में तेरे खो जावु और कुछ ना चाहू मुझे तू मिले बस यही चाहत थी ज़िंदगी मेरी तेरी ही अमानत थी दर्द ही दर्द मिला तू जब मेरा ना रहा प्यार के प्यासे रहे साथ जो तूने अधूरा छोड़ दिया बसेरा मेरा तेरी बाहों में  तू मेरे राहो में हमसफर बन कर चलु  बस तेरे बारे में सोचु  आसान ये ...

तन्हाई जैसे हर पल घिरी रहती है ..poem.. poetry.. kavita..

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  तन्हाई जैसे हर पल घिरी रहती है .. poem.. poetry.. kavita.. आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  अभी भी हम दिल का सौदा कर के आए है उस की बची हुई यादें और कुछ चीजे देकर आए है इश्क का कितना अच्छा सफर था  हम दोनों का वो सब से खुबसूरत साथ था धड़कते दिल का हसी गीत था खुशियों का तू पैगाम था आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  अब तो हारा हुआ नज़र आता है  पर तुझ से जुड़ा रिश्ता उम्र भर का है  ये दूरी बड़ी दर्दनाक सी है  ये कहानी आसू से भीगी है  मेरी चाहत वफ़ा से भरी थी बस मोहब्बत की चाह थी इस दीवाने को आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  तेरी आंखों में डूबने की आस थी थम गया ये कारवा बस अब उदासी का समा तेरा बनकर बस तेरे साथ रहने का इरादा था सब भूल कर तेरा ही बनना चाहता था इस दुनिया में बस तुझ पर भरोसा था देखो तो हालात बदले बदले से लगते हैं  आज मेरे ज़िंदगी का सब से बुरा दिन है  उन का साथ छोड़ना ये क्या कम है  मौसम बहार पत...

खुश हु में तुझ से मिलने के बाद.... poem|| Kavit

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  खुश हु में तुझ से मिलने के बाद.... poem|| Kavita खुश हु में तुझ से मिलने के बाद ये अरमान जगा तेरा बनकर रहू सदा  ये जो तेरी आंखे है मेरा तो बस ये ही जहां है  कही भी में गुम हो जावु ढूंढ लेती है. तुझ से जुदा होने का कही बार फैसला ये किया पर हर बार तेरे नज़रों से नज़रे मिलते ही  तेरा बन जाता हु  खुश हु में तुझ से मिलने के बाद ये अरमान जगा तेरा बनकर रहू सदा  अब आदत मुझे ये हो गयी तेरी  तस्वीर से जो जुड़ा  तब से जहां मेरा हो गया  ज़ुल्फे तेरी जब लहराती है हवा में मदहोश सा हो जाता है दिल मेरा  खुश हु में तुझ से मिलने के बाद ये अरमान जगा तेरा बनकर रहू सदा  तेरा नाम बार बार पुकारते है रहे पास या दूर बस तुझ को याद किया करते है संभल जाते हे तेरी बाहों में  सफर जब होता हे ज़िंदगी का कठिन दौर से  खुश हु में तुझ से मिलने के बाद ये अरमान जगा तेरा बनकर रहू सदा  हमारी रातों की निंद चुरा ले गए बेचैनी तड़प ये कैसे मुझे दे गए अब ये ना होगा तुझ से  कभी न ये दीवाना रूठेगा तू मेरी प्यार की कहानी तू ही मेरा जीवन  खुश हु में तुझ स...

aur kitana batorega Kavita || poetry

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और कितनी लालच तेरी बढ़ेगी.. Kavita || poetry    और कितनी लालच तेरी बढ़ेगी  क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा जीस हालात से तू जो गुज़रा है  इसी तरह से बढ़ चुका है  इसी तरह से बढ़ चुका है  क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा जितना तेरे पास था उस में तू खुश था जितना तेरे पास था उस में तू खुश था तू भूल चुका है वो कठिन दिन पर आज तेरे पास हद से ज़्यादा है  आज तेरे पास हद से ज़्यादा है  किस तरह से ये आया है  बस ये राज़ तेरे दिल में चुपा है  बस ये राज़ तेरे दिल में चुपा है  क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा पसीने की एक बूंद गिरे बगैर तूने ये कमाया है  पसीने की एक बूंद गिरे बगैर तूने ये कमाया है  ये जो घमंड तेरे सर पर नाच रहा है  ये जो घमंड तेरे सर पर नाच रहा है  तुझे एक दिन लेकर डूबेगा  तुझे एक दिन लेकर डूबेगा  क्या लेकर आया है क्या लेकर जाएगा तेरी खुशी गम में बदल जाएगी तुझ से किसी ने उम्मीद तो बांधी होगी तुझ से किसी ने उम्मीद तो बांधी होगी वो तूने पूरी नहीं की होगी तो किसी के सपने तेरे कारण टूटे होंगे  आज तुझे...

thikaana mera kaha hogapoetry .. Kavita || poetry

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 thikaana mera kaha hogapoetry ..  Kavita || poetry  ठिकाना मेरा कहा होगा कौन है अपना कौन है बेगाना ज़िंदगी तू बत ठिकाना मेरा कहा होगा कौन है अपना कौन है बेगाना ज़िंदगी तू बता तू सोचता होगा ये क्यू हो रहा है  जाने इस में किस का कसूर है  जाने कैसी तलाश है खोया क्या है क्या पता जब तू चला था  इस सफर में सोचा होगा  मंज़िल तेरी कहा तक होगी  ठिकाना मेरा कहा होगा कौन है अपना कौन है बेगाना ज़िंदगी तू बता अब ये कुछ नया नया लग रहा है  इस की कभी भनक तक ना लगी तू खो जाएगा इस पल में तुझे कैसा लगे क्या पता ये उलझन भी अजीब सी है  सुलझने का नाम नहीं लेता  ठिकाना मेरा कहा होगा कौन है अपना कौन है बेगाना ज़िंदगी तू बता बात बड़ी गहरी है तू उस में डूबा है  काहा तक जाएगी ये खबर कैसे कहू रास्ता भी नहीं मिल रहा है इस भटके हुए  राह का बस हम निकल जाए इस लंबे से सफर से ठिकाना मेरा कहा होगा कौन है अपना कौन है बेगाना ज़िंदगी तू बता कही मिले सुकून के पल तो  आंखे बंद करके कुछ देर के लिए  खो जाए अपने सपनो मे. ठिकाना मेरा कहा होगा कौन है अपना कौ...

ज़ुबा पर मेरे तेरा ही नाम है ... poetry/ kavita

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ज़ुबा पर मेरे तेरा ही नाम है ... poetry/ kavita   ये रौनक ये बहार समा फूलों के खुशबू का मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है  मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है  तुम लाख छुपाते होंगे दिल की बात मुझ से कहने के लिए पर मैं जान जाता हूं  तेरे मन के जज़्बात ये जो तेरी आंखे है दिल से जुड़ी है  बया करती है सारी इश्क की कहानी ये रौनक ये बहार समा फूलों के खुशबू का मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है  कोई तुझे छोड़कर कैसे जाये इतनी है तू खूबसूरत तेरी ही बाहों में मर जाए इतना है तुझ में सुकून तुझ से ही जुड़े रहेंगे सारा प्यार तुझ पर ही लुटाएंगे कितना हु में खुश कैसे तुझे बतावू  ज़ुबा पर मेरे तेरा ही नाम है  ज़िंदगी मेरी अब तुम बन गए हो ये रौनक ये बहार समा फूलों के खुशबू का मुझे तेरा साथ बोहत दिलकश लगता है  रिश्ता तेरा मेरा अब गहरा हुआ है  साथ तेरा हर पल देगा ये दीवाना कसम नहीं ये इरादा है मेरा देख कर तुझे सांसे भरता हु मेरी हर तमन्ना पूरी होती है  कोई अब मुझे ये ना कहे  जुदाई भी आ सकती है  तन से जुदा हो सकते है  पर मन से ये मुमकिन नही...

मिला इश्क तुझ से ... poetry

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मिला इश्क तुझ से ... poetry   मिला इश्क तुझ से  और क्या चाहे हम  हम सोच रहे थे और तुम आ गये पतझड़ में ये बहार कहा से आयी कितनी प्यारी है तू  बस तुझे देखते ही रहने को जी करता है मिला इश्क तुझ से  और क्या चाहे हम  यादों में नहीं हर पल हकीगत में रहती है तुझ मे बस ने को जी करता है खो गया मन मेरा तेरी इन निगाहों में कितनी बार इस दिल को समझाया  पर तेरे बातो से ये बच ना पाया मिला इश्क तुझ से  और क्या चाहे हम  ये पल ये मौसम खुश मिजाज़ लग रहे है तू हे तो पल भी बेमिसाल लग रहे है  और ये आरज़ू है इस दीवाने की बस तेरी ही गली मेरा ठिकाना हो मिला इश्क तुझ से  और क्या चाहे हम  और मैं बात करता रहु बस तेरी लोग कहते हैं ये दीवाना दीवाना हो गया शाम ढलते ढलते तू जब नज़र आती है  रात मेरी बस तेरे ख़्वाबो में गुजरती है  मिला इश्क तुझ से  और क्या चाहे हम  और भी सोचता हु होगा ये सफर बस तेरे साथ तो कुछ और तमन्ना बाकी नहीं रही वो यार मेरे. मिला इश्क तुझ से  और क्या चाहे हम  Poem by Sanjay T 

Shayari || poetry || kavita in Hindi हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा

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  Shayari || poetry || kavita in Hindi  हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा सपनो से परे मेरा जहां हो गया  हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा सपनो से परे मेरा जहां हो गया  दिल जरा संभल कर रहो ये तुझे इश्क हो गया रौनक ये बहार तेरी ज़िंदगी में आ गया मैं जिस खुशी की तलाश में था वो मुझे मिल गयी  जिस राह पर मैं चल रहा था वो मंज़िल मुझे मिल गई हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा सपनो से परे मेरा जहां हो गया  ज़िंदगी धोखे से भरी है  पर तुझे भरोसा करनेवाला मिल गया आंखों से आसू नहीं झलकेंगे अब शाम तन्हा नहीं गुज़रेगी  हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा सपनो से परे मेरा जहां हो गया  होने लगा एहसास बस तेरा होगा साथ और कितने भी तूफान आए नहीं छोड़ेंगे तेरा हाथ लबो पर तेरा नाम सजा रहता है  क्या करु नजरों में बस तेरा चेहरा बसा रहता है  हम खुश हे तुझ से जो मेरा रिश्ता जुडा सपनो से परे मेरा जहां हो गया  दूर तुझ से रहना अब मुमकिन नहीं तू नहीं तो मेरा जीवन कुछ भी नहीं खुशी जो मिली वो तेरे खातिर  अब मे...

Shayari || poetry || kavita in Hindi Shayari

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 Shayari || poetry || kavita in Hindi  Shayari ज़िंदगी के हज़ारों रंग है कोई सूत से मुस्कुराता हुआ जीवन गुज़ारता है तो कोई कर्ज़ तले आसू बहाता है. **** आईना भी तेरी खुबसूरती पर जलता है  जब भी तू खुद को सवारने लगती हो वो टूट जाता है. **** भले तू खुद को चुपाकर रखो  तेरे हुस्न की आच महसूस होती है  तुझे देखे बिना कहा दिन निकलता है  तू ही तो हो जिसे मेरा गुज़ारा होता है.  **** जब रात अंधेरी होती है  पर तेरे साथ से  उजाला हो जाता है  चांद कहा चुप सकता है बादलों में जब तू निकलती है राहो से. **** बस याद मुझे तू आती है  ये कैसा जादू है तेरी निगाहों में  जब से डूबा था तब से ये कमाल हुआ है  और ये सफर ऐसा ही चलता रहेगा ये उम्मीद है.  **** हाथों में तेरे हाथ आने से हर दर्द मिट जाता है परेशान सी ज़िंदगी मे तुझ से जुड़ कर  सुकून मिल जाता है.

सब का मन पत्थर दिल नहीं होता... शायरी /कविता ||sab ka man patthar dil nahin hota ..Poetry/shayari

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  सब का मन पत्थर दिल नहीं होता... शायरी /कविता | sab ka man patthar dil nahin hota ..Poetry/shayari   फिलाल हम उसे याद करने के  सिवाय कुछ नहीं कर सकते  उसका अब बहाना बनाना और बाते कम करना  समझ आता है दूर बोहत दूर वो जा रही है. philaal ham use yaad karane ke  sivaay kuchh nahin kar sakate  usaka ab bahaana banaana aur baate kam karana  samajh aata hai door bohat door ho ja rahee hai. ***************** बाज़ार इश्क हो गया है जब मन किया यार को बदल दिया  जब चाहा नया दोस्त बना दिया सब का मन पत्थर दिल नहीं होता जो बस वफा चाहते हे उनका  हाल तो बेहाल हो गया. baazaar ishk ho gaya hai jab man kiya yaar ko badal diya  jab chaaha naya dost bana diya sab ka man patthar dil nahin hota jo bas vapha chaahate he unaka  haal to behaal ho gaya. ***************** प्यार में हर बार वफा की उम्मीद मत करो तुम पसंद हो ये हर बार नहीं हो सकता कभी कबार रिश्तों की दोर टूट जाती है  अगर वो ठीक से संभाली नहीं गई तो. pyaar mein har baar vapha kee ummee...

मिला जो तुझ से.. Hindi poetry

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 मिला जो तुझ से.. Hindi poetry  मिला जो तुझ से  दुनिया का सब से खुश नसीब दिलवाला हु मैं  क्या बात है तू साथ है  तब से मौसम सुहाना हो गया ये मेरा दिल तुझ पे बार बार वार दु ये खयाल है  मिला जो तुझ से  दुनिया का सब से खुश नसीब दिलवाला हु मैं  खूबसूरत तेरी आंखों में डूब जावु  तेरे ज़ुल्फो तले खुद खो जावु तेरी हर बात मानु तुझे पलकों पे सवारु तेरे साथ हर पल रहू जहा भी देखू तुझे पावु ऐसी तेरी लगन लगी  बस तुझ से मिलने की आस जगी मिला जो तुझ से  दुनिया का सब से खुश नसीब दिलवाला हु मैं  तू दूर कभी ना जाए ये मन्नत दीवाना करे साथ तेरे रहु तो जन्नत का जहा देखू तुझे लेकर बाहों में मेरे दिल की बात कहू  और तेरे नज़रों को देखू तो  में इस जहां को भूल जावु मिला जो तुझ से  दुनिया का सब से खुश नसीब दिलवाला हु मैं  तोड़ेंगे ना वादा ये तुझ से दिल से कहता हु तेरे लिए बस जीता हु मरता हु तू रोज़ मेरी राहों में आए ये तमन्ना करता हूं बस देखूं तुझे ये दुआ करता हु मिला जो तुझ से  दुनिया का सब से खुश नसीब दिलवाला हु मैं. Poem by Sanja...

अब आसु ही साथी है…. poetry

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 अब आसु ही साथी है…. poetry  अब आसु ही साथी है अब ये ही मुकद्दर है अब आसु ही साथी है अब ये ही मुकद्दर है दूर जाना चाहता हु रूठकर नहीं तुझे खुश देखना चाहता हु पता है मुझे दर्द होगा  तेरी याद ज़रूर सताएगी फिर भी तुझे भूलना चाहता हु पता है तुझ से अब मिलन होगा नहीं फिर भी कोई गम नहीं  कभी कभी फैसले जो हम ना चाहे  वो भी लेना ज़रूरी होता है अब आसु ही साथी है अब ये ही मुकद्दर है कोई बात नहीं आज तेरा हाथ मेरे हाथों से छूट रहा है देखो कैसी मजबूरी है  पर तेरी ख्वाइश जो पूरी हो रही है अब आसु ही साथी है अब ये ही मुकद्दर है जब हम मिलते थे तब बहारे सजी रहती थी तेरी बाहों मे मेरी जैसी दुनिया बसती थी कितना खुश था मैं बस तेरा था  तू भी तो वफा से भरी बाते किया करती थी अब आसु ही साथी है अब ये ही मुकद्दर है ज़िंदगी को तू बस इश्क से सजाती थी जाने क्या हुआ तू क्यू बदल गयी अब आसु ही साथी है अब ये ही मुकद्दर है दूरी ये दूरी बोहत बढ़ गयी मेरे वफा पर आच आ गयी  अब हमारी भूली हुई कहानी बनकर रह गयी अब आसु ही साथी है अब ये ही मुकद्दर है. Poem by Sanjay T