नंद किशोर (Poetry on lord Krishna "Nanda Kishor "
नंद किशोर (Poetry on lord Krishna "Nanda Kishor ") गोविंदा रे गोविंदा गोपाल काला गोविंदा रे गोविंदा गली गली में जायेंगे दहीहंडी तोड़ेंगे भीगेंगे झुमेंगे गायेंगे सावन की रिमझीम बरसात में गोविंदा रे गोविंदा गोपाल काला गोविंदा रे गोविंदा अंबर तक ऊँची है मंज़िल हमारी फिर भी हौसले बुलन्द है डरेंगे नही हिम्मत हारेंगे नही तोड़ेंगे दहीहंडी जिस पर नज़र है हमारी गोविंदा रे गोविंदा गोपाल काला गोविंदा रे गोविंदा रहता है इंतज़ार साल भर तो कैसे छोड़ेंगे इस मौके को यार थोड़ी सी मस्ती थोड़ी सी ज़िमेदारी दिल किसी का ना दुखे इस का रखा जाएगा ख़याल गोविंदा रे गोविंदा गोपाल काला गोविंदा रे गोविंदा जोश भरा दिन है उमंग भर भर कर बरस रहा है बन रही है हौसलो की दीवार और उसे ऐसे ही बनाए रखना है नज़र है हमारी और उसे तोड़ना है जो थाम कर खड़ा है आसमान पर यार गोविंदा रे गोविंदा गोपाल काला गोविंदा रे गोविंदा पा लिया हमने लक्ष को और तन भीग गया दूध दही से बोलो जय राधे किशन कन्यैया की गोविंदा रे गोविंदा गोपाल काला गोवि...
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